जैसा हम सोचा करते हैं
वैसे ही हो जाया करते /
प्रतिपल दिव्य हमारे मानो
उन्हीं देव को उनमे मानो //
"अस्तु देवता " यत्र-तत्र सब
कहें "तथास्तु" पूर्ण करें सब /
भला बुरा यदि , कहा अनजाना
वही "तथास्तु " हुआ यह जाना //
"आज की अभिव्यक्ति "(Hindi Poems) कवि नीरज की दैनिक अभिव्यक्ति का एक अंश मात्र.....Contact 9717695017
मै भारत का नेता हूँ नेता नहीं अभिनेता हूँ चमचे चिपकें जैसे गोंद धोती नीचे हिलती तोंद // मेरी तोंद बढे हो मोटी सारे चेले सेंक...