tag:blogger.com,1999:blog-7879249059130451534.post1736900966545336350..comments2023-06-30T08:34:20.529-07:00Comments on "आज की अभिव्यक्ति "(Hindi Poems) : "ये गणतंत्र"https://ntyag.blogspot.com/http://www.blogger.com/profile/02969651678108428601noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7879249059130451534.post-85303728147938346822012-02-05T18:55:03.928-08:002012-02-05T18:55:03.928-08:00मैने सभी रचनाओं को ध्यानपूर्वक पढ़ा. उसमें गोटा लगा...मैने सभी रचनाओं को ध्यानपूर्वक पढ़ा. उसमें गोटा लगाया. कभी उनकी गहराइयों में समाया और कभी किनारे लग कर विश्राम भी पाया, थकन मिटने के लिए नहीं, विचार-मंथन के लिए. आनंद आया, शांति मिली और मन निर्मल हो गया.<br /><br />भाव, मर्म, दर्द, लफ्ज, तड़प, अभिव्यक्ति, धर्म, कामना, मंशा, गुहार, अपनत्व, स्नेह, सोच और हर मासूम ख्वाब में लिपटी इन मर्मस्पर्शी अभियक्तियों के लिए साधुवाद...ज्ञापित करने के आलावा मेरे पास कुछ भी तो नहीं है....स्वस्ति......Mithileshhttps://www.blogger.com/profile/10295722152040717681noreply@blogger.com