10 मार्च 2013

नेता महान

मै भारत का नेता हूँ 
नेता नहीं अभिनेता हूँ 
चमचे चिपकें जैसे गोंद 
धोती नीचे हिलती तोंद //
मेरी तोंद बढे हो मोटी 
सारे चेले सेंके रोटी 
जहाँ कहीं भी फिर में जाऊं 
मालाओं से लदता जाऊं //
भाषण देता खूब उबाऊ 
राजनीती में सदा बिकाऊ 
कहीं मंच पर खड़ा करो तो 
गला फाड़ फिर खूब पकाऊँ //
नाक नुकीली ,हो या चपटी 
कोई फर्क नहीं मै कपटी 
श्वेत झकाझक बगुले जैसा 
रंग बदलता गिरगिट जैसा //
मै भारत की दलदल हूँ 
दले बदलता छल बल हूँ 
रातों रात पार्टियां बदलूं 
एक तोड़कर नयी बना लूँ //
ऐसी भारत की गरिमा हूँ 
गरिमा नहीं करिश्मा हूँ 
प्रजातंत्र की नीव हूँ मै 
गलियों से पोषित जीव हूँ मै //
जब भी मै चुनकर आ जाऊं 
एमपी एमएलए बन जाऊं 
सारे वादे भूल भाल कर 
सत्ता मद में ऐंठा जाऊं //
घोटालों  में नाम बड़ा 
भक्त बनें छोटा या बड़ा 
फिर नवीन वादे रच जाऊं 
और चुनावी बिगुल बजाऊं //
मैं ही चलाता तंत्र देश का 
मै ही भक्षक स्वतंत्र देश का 
स्वछन्द आचरण करता हूँ 
नए कानून बनाता हूँ //
जो नर मेरे आसपास हैं 
पूर्ण निकम्मे ख़ास खास हैं 
मंत्री बन बदलूं सभी का हाल 
सारे निकम्मे मालामाल //
ऐसा हूँ भारत का नेता 
नयी पीढ़ी का में ही प्रणेता 
छोड़ योग्यता के सोपान 
बन जा तू नेता महान 
बन जा तू नेता महान //

8 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

बढ़िया है भाई-

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
कालीपद "प्रसाद" ने कहा…


आज के नेता का आपने सही खाका खींचा है
latest postअहम् का गुलाम (दूसरा भाग )
latest postमहाशिव रात्रि

babanpandey ने कहा…

साधुवाद

Dinesh pareek ने कहा…

बहुत उम्दा प्रस्तुति आभार

आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
अर्ज सुनिये

आप मेरे भी ब्लॉग का अनुसरण करे

Amrita Tanmay ने कहा…

वाह!

बेनामी ने कहा…
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
World View of Prabhat Roy ने कहा…

नीरज क्या शानदार खाका खींच डाला है नेता का जोकि नेता शब्द के नाम पर कलंक बन चुके हैं
प्रभात

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