क्या कभी छिपता है ?
चाँद !
क्या कभी घटता है ?
ये तो हम हैं
और हमारी दृश्य शक्ति
उतना उजाला
जितनी शक्ति //
"आज की अभिव्यक्ति "(Hindi Poems) कवि नीरज की दैनिक अभिव्यक्ति का एक अंश मात्र.....Contact 9717695017
मै भारत का नेता हूँ नेता नहीं अभिनेता हूँ चमचे चिपकें जैसे गोंद धोती नीचे हिलती तोंद // मेरी तोंद बढे हो मोटी सारे चेले सेंक...