क्या कभी छिपता है ?
चाँद !
क्या कभी घटता है ?
ये तो हम हैं
और हमारी दृश्य शक्ति
उतना उजाला
जितनी शक्ति //
"आज की अभिव्यक्ति "(Hindi Poems) कवि नीरज की दैनिक अभिव्यक्ति का एक अंश मात्र.....Contact 9717695017
मै भारत का नेता हूँ नेता नहीं अभिनेता हूँ चमचे चिपकें जैसे गोंद धोती नीचे हिलती तोंद // मेरी तोंद बढे हो मोटी सारे चेले सेंक...
10 टिप्पणियां:
very beautiful lines....very true
धन्यवाद ! शास्त्री जी
बेहतरीन!!
uttam prastuti......
gagar mein sagar
Badhiya..
धन्यवाद ..रीना जी ,ओंकार जी !
धन्यवाद सीमा
bahut sundar prerak kriti..
thnx KAVITA JI
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