23 जन॰ 2012

"व्यक्त कर ले"



कौन कहाँ ,
दूर कितना !
सोच भर ले !
गमन कर ले ,
व्यक्त कर ले ,
समय कम है ,
कलम से ही ,
अभिव्यक्त कर ले !
सोच का गमन तेरा ,
देख चेतन ,
या अचेतन ,
प्रवाह के ,
प्रभाव से ,
सृष्टि के ,
विश्वास से !
दूर तक तू ,
गमन कर ले !
आज तू अभिव्यक्त कर ले /
आज का अस्तित्व तेरा ,
व्यक्त कर ले ,//

6 टिप्‍पणियां:

अनुपमा पाठक ने कहा…

सुन्दर अभिव्यक्ति!

Isha ने कहा…

आपने अभिव्यक्त कर ही दिया........अत्यंत सुंदर..

prakriti ने कहा…

वाह नीरज जी ! अति उत्तम पुनः आपकी श्रेस्ठ रचना के आगे नतमस्तक हूँ मित्र...! ह्रदय से आभार है आपका, हम सब को अपनी ज्ञान गंगा से स्नान करने का! गूढ़ शब्दों का अर्थ भरा प्रयोग करना आपकी काबिलियत है भाषा की पकड़ भी बहुत खूब है जितनी तारीफ की जाये कम है..!

https://ntyag.blogspot.com/ ने कहा…

बहुत धन्यवाद् ...ये आपका बड़प्पन है :)

https://ntyag.blogspot.com/ ने कहा…

धन्यवाद् ..

https://ntyag.blogspot.com/ ने कहा…

धन्यवाद् ..

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