राम पुरुष हैं ,
राम चरित हैं
राम बनवास /
रावण वध को
त्याग तपस्या ,
जन जन की
वोह बन गए आस /
भ्रात्र प्रेम का
मात्र प्रेम का
गुरु भक्ति ,
आदर्श राज्य का /
पशु पक्षी भी
बच न पायें
राम प्रेम को
भूल न पायें /
दहन हुआ फिर
राक्षसता का
देवत्व विजित फिर
स्वर्ग सुगंध सा
संहारों से मुक्ति देते
राम हमारे ,
सब सुख देते
सब सुख देते /
4 टिप्पणियां:
(मेरे एक राम भक्त सहयोगी की सलाह पर मैंने यह आज की कविता लिखी है )
वाह राम /
राम है तुलसी
राम है गीता
मेरे ब्लॉग पर भी पधारें
पशु पक्षी भी
बच न पायें
राम प्रेम को
भूल न पायें
Bahut Sunder....
बहुत सुन्दर ......
|| जय सियाराम ||
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