कभी तुम यूँ रुलाते हो
ये ऑंखें आंख से मिलकर
नया रिश्ता बनाती हैं /
कहीं तुम दूर यादों में
कहीं तुम पास बाँहों में
ये ऑंखें कैद करती हैं
ये आँखें भूल न पायें /
कहीं से चाह उमड़ती है
कहीं तितली सी उडती है /
कहीं वो प्यार की बदली
बिना बरसे घुमड़ती है /
बिना गरजे ही कहती है
तुम्हारी याद आती है
मुझे दिल में सताती है
वो दिल में छा ही जाती है /
ये दिल यूँ मचलता है
समंदर लहरों से मचले
ये आँखें यूँ बरसती हैं
की बादल भी बरसता है //
कभी तुम याद आते हो
कभी तुम यूँ रुलाते हो //
3 टिप्पणियां:
If I am not wrong you are my Neeraj chacha from Saharanpur...I am Brahmajeet Sharma's daughter Seema(ruby).You can reach me at www.art.seema.biz
oh yes .....I am ...surprise meet :)
बहुत सुन्दर नीरज जी।// मेरे भी ब्लॉग पर पधारे
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