शोर मचा लें ,
दखें जो सब तुझे
तेरे अस्तित्व को
लगे तू भी एक रंग है
उसी इन्द्र धनुष का
व्योम में दृश्यमान !
अभी था
फिर होगा
फिर न होगा /
"आज की अभिव्यक्ति "(Hindi Poems) कवि नीरज की दैनिक अभिव्यक्ति का एक अंश मात्र.....Contact 9717695017
मै भारत का नेता हूँ नेता नहीं अभिनेता हूँ चमचे चिपकें जैसे गोंद धोती नीचे हिलती तोंद // मेरी तोंद बढे हो मोटी सारे चेले सेंक...
2 टिप्पणियां:
Awesome
धन्यवाद !
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