सरसों बरसी !
चंचल मन ,
तितली मचली,
भँवरे गूंजे
डाली डाली ,
पक्षी झूले /
रूठी कोयल ,
कलरव अनंत ,
आ बसंत ,
आ बसंत /
"आज की अभिव्यक्ति "(Hindi Poems) कवि नीरज की दैनिक अभिव्यक्ति का एक अंश मात्र.....Contact 9717695017
मै भारत का नेता हूँ नेता नहीं अभिनेता हूँ चमचे चिपकें जैसे गोंद धोती नीचे हिलती तोंद // मेरी तोंद बढे हो मोटी सारे चेले सेंक...
1 टिप्पणी:
aa gaya basant!!!!!!!!
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