जा जय घोष कर !
उन्मादी बन जा ,
भूल जा !
जिसे तू मार रहा है ,
वो मर कर भी ना मरा,
तेरे खुदा का नूर था वो ,
उसकी मुहब्बत से
भरपूर था वो /
तेरे जिहाद ने ,
उसे भी ना छोड़ा /
क्यूंकि ये जिहाद ,
खुदा के लिए नहीं ,
खुदा के नूर के लिए नहीं ,
सुव्यवस्था के कफ़न के लिए है ,
कुछ राक्षसों के
दम्भी अट्टहास के लिए है ,
जोड़ने के लिए नहीं ,
तोड़ने के लिए है /
ख़ुदा के नाम पर
लगा रहे हैं कलंक
सत्तासीन राक्षस
बाज नहीं आएंगे
फैलाते रहेंगे
बस ये आतंक /
उन्मादी बन जा ,
भूल जा !
जिसे तू मार रहा है ,
वो मर कर भी ना मरा,
तेरे खुदा का नूर था वो ,
उसकी मुहब्बत से
भरपूर था वो /
तेरे जिहाद ने ,
उसे भी ना छोड़ा /
क्यूंकि ये जिहाद ,
खुदा के लिए नहीं ,
खुदा के नूर के लिए नहीं ,
सुव्यवस्था के कफ़न के लिए है ,
कुछ राक्षसों के
दम्भी अट्टहास के लिए है ,
जोड़ने के लिए नहीं ,
तोड़ने के लिए है /
ख़ुदा के नाम पर
लगा रहे हैं कलंक
सत्तासीन राक्षस
बाज नहीं आएंगे
फैलाते रहेंगे
बस ये आतंक /
1 टिप्पणी:
यही तो हो रहा है जेहाद के नाम पर ।
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