तिमिर की
उजाले तो हैं ही
यहीं हैं
दीप जला लें वहां
अँधेरे छुपे हैं जहाँ
ढूंढ टुकड़े तिमिर
वहीँ मिटा दें
दीप जला दें !
"आज की अभिव्यक्ति "(Hindi Poems) कवि नीरज की दैनिक अभिव्यक्ति का एक अंश मात्र.....Contact 9717695017
मै भारत का नेता हूँ नेता नहीं अभिनेता हूँ चमचे चिपकें जैसे गोंद धोती नीचे हिलती तोंद // मेरी तोंद बढे हो मोटी सारे चेले सेंक...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें