उन्मुक्त गगन
बादल सघन
उड़ते पक्षी
करते नर्तन
दो पंखो से
लहराते से ,
असीम आकाश
छूने की चाह ,
ओह लघु जीवन !
ओह यह आह !
"आज की अभिव्यक्ति "(Hindi Poems) कवि नीरज की दैनिक अभिव्यक्ति का एक अंश मात्र.....Contact 9717695017
मै भारत का नेता हूँ नेता नहीं अभिनेता हूँ चमचे चिपकें जैसे गोंद धोती नीचे हिलती तोंद // मेरी तोंद बढे हो मोटी सारे चेले सेंक...
3 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
Thanks :-)
अतिसुन्दर , हृदयंगम,
शब्द ने किये जागृत भाव ,....आह!
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