5 जन॰ 2013

नवागत का स्वागत

नवागत का स्वागत 
रहें सदा जाग्रत 
फूलें फलें बना रहे हर्ष 
ऐसा रहे यह नव वर्ष /
भूलें जो हुआ व्यतीत 
सबक लें ,बनें कालातीत //
मन में रहे प्रार्थना 
करते रहें उपासना 
पुष्प गुच्छ से रहें पल्लवित 
नए साल में रहें उल्लसित //
श्रेष्ठता के नित नए प्रयास 
गिर कर उठें ,फिर बढ़ें 
छोड़ें ना अपनी आस //
महिलाएं हैं आन बान 
भारत वर्ष की शान ,
उनको दें सम्मान और प्यार 
फूले फले बगिया ,रहे सुगन्धित बयार //

5 टिप्‍पणियां:

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

सुन्दर रचना , शुभकामनायों के साथ आपका भी स्वागत है
नई पोस्ट में :" अहंकार " http://kpk-vichar.blogspot.in

विभूति" ने कहा…

बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........

Isha ने कहा…

khoobsurat rachna jaisa ho aapka naye saal !!!!!!!!

Anuj Tyagi ने कहा…

बहुत सही लिखा है ...

Unknown ने कहा…

niceeee

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