नवागत का स्वागत
रहें सदा जाग्रत
फूलें फलें बना रहे हर्ष
ऐसा रहे यह नव वर्ष /
भूलें जो हुआ व्यतीत
सबक लें ,बनें कालातीत //
मन में रहे प्रार्थना
करते रहें उपासना
पुष्प गुच्छ से रहें पल्लवित
नए साल में रहें उल्लसित //
श्रेष्ठता के नित नए प्रयास
गिर कर उठें ,फिर बढ़ें
छोड़ें ना अपनी आस //
महिलाएं हैं आन बान
भारत वर्ष की शान ,
उनको दें सम्मान और प्यार
फूले फले बगिया ,रहे सुगन्धित बयार //
5 टिप्पणियां:
सुन्दर रचना , शुभकामनायों के साथ आपका भी स्वागत है
नई पोस्ट में :" अहंकार " http://kpk-vichar.blogspot.in
बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........
khoobsurat rachna jaisa ho aapka naye saal !!!!!!!!
बहुत सही लिखा है ...
niceeee
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