9 फ़र॰ 2020

नव वर्ष

नव वर्ष
ज़िन्दगी का हर्ष
जो बीता सो बीता
सब कुछ कर लो रीता
नई सोच नई आकांक्षा
कर लो गहन मीमांसा
क्या पाया क्या खोया
कितने पलों को जिया
जीवन तो बस वही
तीव्रता हो छोटा ही सही
आओ फिर उड़ जाएं
नए काल मे फिर मुड़ जाएं
समय चक्र ये रुके न कभी
वो हुआ कभी जो है अभी
फिर भी वही तड़प चाव
बस दिखते रहे नए बदलाव
दिखते रहें दृश्य आभासी
कल अमावस आज पूर्णमासी
नवीन वर्ष में हो नया आल्हाद
जो कुछ मिला प्रभु धन्यवाद

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